आओ जी आओ भैरव नाथ ओं नाकोडा वाले ,
तुम हो डुंगरिया वाले , तुम हो घुन्घरिया वाले ।।
मस्तक मुकुट सोहे , कानो में कुंडल सोहे ,।
गले मोतीयन को हार ओं नाकोडा वाले ।।१।।
हाथ खडगधारी , डमरू की शोभा न्यारी ,
चोसठ योगिनी साथ , ओं नाकोडा वाले ।।2।।
अष्ट भुजा को धारी , शत्रु को दो संहारी ,
मेरे तो तुम इक नाथ ,ओ नाकोड़ा वाले ।।3।।
तीरथ नाकोड़ा सोहे ,भव्य जीवो को मोहे ,
दीपे भैरव मनोहार, ओ नाकोड़ा वाले ।।4।।
आओ जी आओ भैरव दरस दिखाओ ,
दुःखडा मिटाओ मेरा नाथ , ओ नाकोड़ा वाले ।।5।।
ध्यान तुम्हारो धारू , काज हमारो सारो ,
श्री संघ के सर पर तेरा हाथ ,ओ नाकोड़ा वाले ।।6।।
चिंता जी चुरो ने स्व भक्तो की आशा जी पुरो ,
अब तो नव निधि करो जी ,ओ नाकोड़ा वाले ।।7।।
नाकोड़ा तीरथ की महिमा भारी , लीला है भैरव की न्यारी
आओ जी आओ भैरव नाथ ओं नाकोडा वाले ,।।8।।
Thursday, August 2, 2012
श्री भैरव प्रार्थना
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JAI NAKODA BHAIRAV
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